हमारे देश में देवी देवताओ के कई मंदिर है, ऐसे कई मंदिर है जिनसे कई प्रकार की मान्यताये जुडी हुयी है | इसके अलावा हमारे देश के कुछ स्थानों पर ऐसे मंदिर भी है, जिनके बारे में बताया जाता है कि ये मंदिर बेहद ही चमत्कारी और रहस्यों से भरे हुए है | यही वजह है कि ऐसे कई मंदिर लोगो की आस्था का केंद्र बने हुए है | आज हम आपको ऐसे ही एक मंदिर के बारे में बताने जा रहे है, जो वाकई चमत्कारिक है |
आज हम जिस मंदिर के बारे में बताने जा रहे है वो बहुत प्राचीन है | इस मंदिर के बारे में बताया जाता है कि इस मंदिर में माँ पार्वती और शिवजी का मिलन हुआ था | इससे जुड़े प्रमाण भी इस मंदिर में देखने को मिलते है | यही वजह है कि इस मंदिर में आज भी शिव पार्वती को देखने को लोगो की भारी भीड़ लगती है |
हम जिस मंदिर के बारे में बात कर रहे है, वह हिमाचल के कांगड़ा जिले में मौजूद है | इस महादेव मंदिर को काठगढ़ महादेव के नाम से जाना जाता है | इस मंदिर को बेहद ही रहस्यमयी मंदिर भी बताया जाता है | ये देश का पहला इकलौता ऐसा मंदिर है, जिसमे मौजूद शिवलिंग दो भागो में बंटा हुआ है | जिसमे एक हिस्सा बड़ा और एक छोटा है, ऐसा बताया जाता है कि ये शिवलिंग माँ पार्वती और शिव जी का स्वरूप है | इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि ये विश्व का एकमात्र अर्धनारीश्वर शिवलिंग है |
इस मंदिर में मौजूद शिवलिंग की खास बात यह है कि गर्मियों के मौसम में इसके दोनों हिस्से दूर हो जाते है और सर्दियों के मौसम में ये हिस्से अपने आप ही नजदीक आ जाते है और शिवलिंग एक हो जाता है |
देशभर में ये शिवलिंग अर्धनारीश्वर नाम से प्रसिद्ध है | यहाँ हर दिन भक्तो का ताँता लगा रहता है | बता दे यहाँ हर शिवरात्रि पर मेला लगता है, जिसमे भक्तो की भारी भीड़ देखने को मिलती है |
ऐसा भी बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण सिकंदर ने करवाया था | वह इस मंदिर में शिव जी के चमत्कार से बहुत प्रभावित हुआ | इसके बाद उसने टीले को समतल करवा कर उस पर शिवजी के लिए मंदिर का निर्माण करवा दिया | वैसे शिवलिंग का दो भागो में विभाजित होकर पुनः एक हो जाना किसी चमत्कार से कम नहीं है | यही वजह है कि दुनिया भर में प्रसिद्ध इस मंदिर में शिव पार्वती के मिलन को देखने के लिए दूर दूर से लोग आते है |